नारी नहीं अबला -09-May-2023

प्रतियोगिता

दिनांक 9मई २०२३
विषय स्वैच्छिक
शीर्षक नारी नहीं है अबला

नार
 नारी शक्ति नारी भक्ति नारी श्रेष्ठ जहान में ।
सारी सृष्टि का सर झुकता नारी के सम्मान में।
1-
नारी से नर नर से नारी नारी नहीं तो नर कैसा।
नारी से ही घर की शोभा नारी नहीं तो घर कैसा।
हो सशक्त जब नारी शक्ति तो सशक्त संसार हो ।
नारी शक्ति के कारण ही हर सपना साकार हो पालन सृजनहार है नारी रखिए इतना ध्यान में।
2-
नारी की पूजा होती है जहां जहाँ जिस देश में । 
वहां वहां देवों का वास हो कहा वेद उपदेश में आर्यावर्त में आदिकाल से नारी का सम्मान है 
इसीलिए तो देवभूमि यह भारत वर्ष महान है 
नारी की महिमा लिक्खी है विधि से विधि विधान में।
3-
पढ़ी लिखी हो माता गर तो पढ़ी-लिखी संतान हो ।
ज्ञानवान संतान से ही तो भारत का उत्थान हो ।
रहे ना कोई अनपढ़ बेटी आऔ इसे पढाना है।
आधी आबादी का विनोदी मिलकर मान बढाना है ।
हो सशक्त संपन्न  सदा ही रहे ना पीछे ज्ञान में ।

के एल सोनी विनोदी महाराजपुर जिला छतरपुर मप्र


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3 Comments

सुन्दर और उम्दा रचना

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Reena yadav

09-May-2023 10:26 PM

👍👍

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